गज़़ल
बेखबर तूफाँ भी तुझे देखा करते है,
सारा जहाँ तेरे कदमों में रखते है ।
लिखता कहानी मोहब्बत की कलम से,
जहाँँ दिले मोहब्बत के चिराग जलते है ।।
मेरी निगाहों से निगाह मिला न सके,
मोहब्बत को वो अक्सर छुपाते है ।
क्योकि मोहब्बत का रिस्ता मुझसे नहीं,
वे किसी और से निभाते है ।।
“प्रकाश” तुम उन्हीं राहों पे ग़मजान रहना,
जहाँ दिलो में बेवफाई के चिराग जलते है।।
लेखक . ज्ञान प्रकाश
सारा जहाँ तेरे कदमों में रखते है ।
लिखता कहानी मोहब्बत की कलम से,
जहाँँ दिले मोहब्बत के चिराग जलते है ।।
मेरी निगाहों से निगाह मिला न सके,
मोहब्बत को वो अक्सर छुपाते है ।
क्योकि मोहब्बत का रिस्ता मुझसे नहीं,
वे किसी और से निभाते है ।।
“प्रकाश” तुम उन्हीं राहों पे ग़मजान रहना,
जहाँ दिलो में बेवफाई के चिराग जलते है।।
लेखक . ज्ञान प्रकाश
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