Saturday, 30 May 2015

पर भुला नहीं मैं आज

पर भुला नहीं मैं आज

गम ही गम हैं,
जाने के बाद तेरे,
आसु ही आसु हैं,
आज आखों में मेरे।
सोचा था लौटकर आओगें
फिर मुझें अपना बनाओगें,
पर ये मेरी भुल थी,
तुम किसी और के थे,


प्यार नहीं मेरे लिए दिल में,
बीज ऐ नफरत वोये थे,
देवी समझा मैंने तुमको,
लेकिन फरेबी निकलें,
अलफाजों की कमीं है मेरे पास,
फिर भी मेरे दिल के हो पास,
भुल गये हो तुम,
पर भुला नहीं मैं आज


        लेखक . ज्ञान प्रकाश

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