प्यार भी अगर कोई दुकान पर बिकता होता, दुनिया में इश्क का कोई बीमार न होता ।
"प्रकाश "काम के तो थे, इश्क ने मार दिया, मेरे बहते अश्को को पानी न समझा होता ।। तो मोहब्बत का ढाई अक्षर अधूरा न होता, ख्वाहिस है मेरी क़ब्र पर नाम तेरा होता ।
ताजमहल है सातवां अजूवा मोहब्बत का , तो मेरी कब्र आज का आठवां अजूवा होता ।।
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